आज की ताजा खबर

सड़क दुर्घटना में मृत तीन युवकों की अन्तिम यात्रा में उमड़ पड़ा समूचा गाँव

top-news

कुलपहाड़/महोबा। विगत दिवस ग्राम ननौरा के पास हुए सड़क हादसे में थानाक्षेत्र अन्तर्गत ग्राम मुढारी निवासी  मृतक तीन युवकों की एक साथ  शवयात्रा मे भारी संख्या में लोग शामिल हुए,तो वहीं गलियों में मातम छाया रहा एवं सन्नाटा पसरा नजर आया।  बताया  जाता है कि कोतवाली कुलपहाड़ के अंतर्गत ग्राम मुढारी के दो चचेरे भाई भरतलाल कुशवाहा व अजय कुशवाहा अपने मुहल्ले के दोस्त संजू उर्फ़ संजीव कुशवाहा सभी एक साथ बाइक पर सवार होकर बेलाताल श्रीनगर मार्ग के रास्ते ननौरा गांव अपने फूफा लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा से कुछ दिन पूर्व लिए रुपये वापस देने जा रहे थे। तीनों हलवाई का काम करते थे। जिसमें से मुख्य रूप से भरतलाल मुख्य कारीगर था। एवं अन्य दोनों सहयोग के तौर पर शादी विवाह एवं अन्य कार्यक्रमो में खाना बनवाने में हाथ बटवाते थे। उन्हें क्या पता की फूफा के यहाँ पहुंचने से पहले ही ठीक उसी वक्त मौत उनका पीछा कर रही होगी तभी चरखारी के बगरोन निवासी कृपाल कुशवाहा के पुत्र कुश की पत्नी कंचन की दूसरी विदाई कराने के लिए श्रीनगर के रास्ते ननवारा गांव जा रहे थे। उसी समय ग्राम ननौरा के पास बाइक सवार व्यक्तियों व चार पहिया वाहन इको गाड़ी की आमने - सामने जोरदार भिड़ंत हो गई थी। जिसमें मुढारी के तीन युवक दर्दनाक घटना के शिकार हो गए और मौके पर ही तीनों की मौत हो गई।आमजन के दिलों को झकझोर देने वाली इस भीषण घटना से हर ग्रामवासी की आंखे नम हो गई,  यहाँ तक की गांव की हर गली एवं रास्तो में सन्नाटा पसरा हुआ है। मृतको के मुहल्ले में चूल्हे ठन्डे पड़े हुए है। हर व्यक्ति बड़े -बूढ़े और बुजुर्ग की जुबां से यहीं बात सुनाई दे रही थी कि ऐसा मामला और समय गांव में पहली बार देखा गया कि एक साथ तीन मृतक युवकों का एक साथ अन्तिम संस्कार में भारी संख्या में लोग शामिल हुए हैं । मृतक के परिजनों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। एक साथ तीन - तीन चिताएं जलाई गई हैं। संजू उर्फ़ संजीव अपने पिता राकेश का इकलौता बारिस था। जिसके घर का चिराग बुझ गया। संजू की तीन बहने हैं। बड़ी बहन पूजा है। जिसकी एक वर्ष पहले शादी हुई है। दूसरी का नाम तुलसा है। तीसरी बहिन का नाम ख़ुशी है। पिता की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब है। पिता किसान है। पिता राकेश बीमारी से परेशान है। वही मृतक भरतलाल की तीन संताने है। जिनमे दो बेटी मानसी 5 वर्ष की है। दानवी 4 वर्ष की है। लड़का रज्जू साढ़े तीन वर्ष का है।भरतलाल के तीनो बच्चों एवं पत्नी रामकली का रो-रोकर बुरा हाल है। एवं बच्चें बार -बार यहीं कह रहे की मम्मी अब पापा कबे घरे आहैं और कहाँ चले गये ।  भरतलाल के पिता आशादीन हलवाई का काम एवं किसानी करते है।अजय तीन भाई है। अजय भाइयो में मझला है। अजय के पिता सुनील मजदूरी एवं खेतीपाती कर परिवार का भरण पोषण करते है। तीनों मृतकों की अंतिम यात्रा एक साथ निकाली गई और तीनो का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में शामिल लोगो की लाइन एक किलोमीटर तक दिखाई दे रही थी। हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम दिखाई दे रहा था। इस बड़ी एवं दर्दनाक घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

https://lokbharti.co.in/ad/adds.jpg

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *